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Wednesday 5 April 2017

*फैज़ाने इसाले षवाब* #06
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_मुर्दे की तादाद के बराबर अज्र_*
     जो कब्रस्तान में 11 बार सूरए इखलास पढ़ कर मुर्दो को उस का ईसाले षवाब करे तो मुर्दो की तादाद के बराबर ईसाले षवाब करने वाले को इस का अज्र मिलेगा।
*✍🏽كٙشفُ الْجِفٙاء، ج٢ ص٢٥٢، حديث ٢٦٢٩*

*_अहले कूबर सिफारिश करेंगे_*
     शफीए उमम ﷺ का फरमाने शफ़ाअत निशान है, जो क़ब्रस्तान से गुज़रा और उस ने सूरए फातिहा, सूरतुल इखलास और सुरतुत्तकासुर पढ़ी।फिर ये दुआ मांगी, या अल्लाह ! में ने जो कुछ क़ुरआन पढ़ा उस का षवाब मोमिन मर्द व औरत दोनों को पहुचा। तो वो क़ब्र वाले क़यामत के रोज़ इस (ईसाले षवाब करने वाले) के सिफारिशी होंगे।
*✍🏽शरहु स्सुदुर, 311*

*_सूरए इख्लास का षवाब_*
     हज़रते हम्माद मक्की रहमतुल्लाह अलैह फरमाते है, में एक रात मक्का के क़ब्रस्तान में सो गया। क्या देखता हु की क़ब्र वाले हल्क़ा दर हल्क़ा खड़े है मेने उनसे इस्तिफसार किया, क्या क़यामत क़ायम हो गई ? उन्हों ने कहा, नही बात दर अस्ल ये है कि एक मुसलमान भाई ने सूरतुल इख्लास पढ़ कर हम को ईसाले षवाब किया तो वो षवाब हम एक साल से तक़सीम कर रहे है।
*✍🏽शरहु स्सुदुर, 312*
*✍🏽मदनी पंजसुरह, 401*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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