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Wednesday 29 November 2017

*नमाज़ की अहमिय्यत* #01
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     मज़्हबे इस्लाम में नमाज़ को जो अहमिय्यत हासिल है वो किसी से छुपी नहीं। हुज़ूर ﷺ ने नमाज़ को दिन का सुतून, ईमान की अलामत, जन्नत की कुन्जी, मौमीनों की मेराज, अपनी आँखों की ठन्डक और ख़ुदावन्दे कुद्दूस की क़ुरबत का ज़रिया बताया है।

     इसके बर अक्स (उलटे) बे-नमाज़ियों को अज़ाब की वईदें सुनाई गई और नमाज़ छोड़ने को दुन्या व आख़िरत में नाकामी का ज़रिया बताया है।

     क़ुरआनो हदिष की रौशनी में नमाज़ की अहमिय्यत, उसकी फ़ज़ीलत और नमाज़ छोड़ने पर जो नुक्सानात है ان شاء الله अगली पोस्ट में तहरीर किया जायेगा।
     अल्लाह तआला मुसलमानो को इन आयतों और हदिशो से सबक हासिल करने की तौफ़ीक़ अता फरमाए।

बाक़ी अगली पोस्ट में..أن شاء الله
*✍🏼नमाज़ की अहमिय्यत* 5

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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