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Tuesday 7 November 2017

*गुनाहे कबीरा नंबर 41*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_काहिन और नजूमी को सच्चा जानना_*
     अल्लाह इर्शाद फ़रमाता है :
_और उस बात के पीछे न पड़ जिस का तुझे इल्म नहीं।_
*✍🏼بنى إسرائيل ٣٦*
_ग़ैब का जानने वाला तो अपने ग़ैब पर किसी को मुसल्लत नहीं करता सिवाए अपने पसन्दीदा रसूलों के।_

*_इल्मे नुजुम और नुजुमी के मुतअल्लिक़ फरमाने मुस्तफा_*
     जो शख्स नुजुमी या काहिन के पास गया और उस की बातो को सच जाना बिलाशुबा उस ने उस शै का इनकार किया जो मुहम्मद صلى الله عليه وسلم पर नाज़िल की गई है।
*✍🏼ابوداود*
*✍🏼76 कबीरा गुनाह* 143

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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