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Friday 17 November 2017

*गुनाहे कबीरा नंबर 52*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_फख्र व गुरुर से तहबन्द वगैरा लटकाना_*
     अल्लाह इर्शाद फ़रमाता है : और ज़मीन में इतराता न चल।
*✍🏼لقمان ١٨*

*_फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم_*
     तहबन्द (शलवार) का जो हिस्सा दोनों टखनों से निचे है वो आग में है।
*✍🏼بخارى*
     बरोज़े क़यामत अल्लाह 3 शख्सों की तरफ न नज़रे रहमत फ़रमाएगा न उन्हें पाक करेगा और न उन के लिये दर्दनाक अज़ाब है : (1) (तकब्बुर से) तहबन्द लटकाने वाला (2) एहसान जताने वाला (3) झूटी क़सम खा कर सौदा बेचने वाला।
*✍🏼مسلم*
     कपड़ा लटकाना, शलवार, क़मीज़ और इमामे में होता है, जो (इन में से) किसी शै को तकब्बुर के सबब घसिटेगा बरोज़े क़यामत अल्लाह उस की तरफ नज़रे रहमत नहीं फ़रमाएगा।
*✍🏼ابوداود*
     जो शख्स अपने कपड़े को तकब्बुर की वजह से घसिटेगा बरोज़े क़यामत अल्लाह उस की तरफ नज़रे रहमत नही फ़रमाएगा। ये सुन कर हज़रते अबू बक्र सिद्दीक़ رضي الله عنه ने अर्ज़ की : मेरा तहबन्द सरक जाता है सिवाए ये कि में इस का बहुत ख्याल रखूं। रसूले करीम صلى الله عليه وسلم ने इर्शाद फ़रमाया : तुम उन में से नही हो जो ये फेल तकब्बुर की वजह से करते है।
*✍🏼بخارى*

     इस वईद में हर वो शख्स दाखिल है जो ज़मीन से मस होने वाला जुब्बा या चोगा या खुली शलवार पहने जब की वो ये फेल तकब्बुर या गुरुर के तौर पर करे।
*✍🏼76 कबीरा गुनाह* 171

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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