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Tuesday 28 November 2017

*आलिमे दीन के आदाब*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     आलिम को चाहिये कि इल्म व अमल को लाज़िम जाने, हमेशा बा वक़ार रहे, तकब्बुर करने से बचे और मुतकब्बिराना अन्दाज़ में दुआ न करे, इल्म सिखने वाले पर नरमी करे, बड़ाई जताने वाले के साथ बुर्द-बारी से पेश आए, कुन्द ज़ेहन को मसअला अच्छी तरह समझाए, (मसअला मालुम न होने की सूरत में) अस्लाफ के क़ौल "में नही जानता" से बरकत हासिल करे, जब कोई सुवाल करे तो उस के इख्लास की वजह से अपनी पूरी कोशिश से उस के सुवाल के जवाब में गुफ्तगू का निचोड़ पेश करे और तकल्लुफ में न पड़े, दलील को तवज्जोह से सुने और (दुरुस्त होने की सूरत में) उसे क़बूल करे अगर्चे मद्दे मुक़ाबिल (मुखालिफ) की तरफ से हो।
*✍🏼आदाबे दीन* 16

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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