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Friday 3 November 2017

*गुनाहे कबीरा नंबर 37*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_तक़दीर को झुटलाना_*
     अल्लाह इर्शाद फ़रमाता है :
_बेशक हम ने हर चीज़ एक अंदाज़े से पैदा फ़रमाई।_
*✍🏼القمر ٤٩*
_और अल्लाह ने तुम्हें पैदा किया और तुम्हारे आमाल को।_
*✍🏼الصفت ٩٦*
_जिसे अल्लाह गुमराह करे उसे कोई राह दिखाने वाला नहीं।_
*✍🏼الاعراض ١٨٦*

*_तक़दीर के बारे में फरमाने मुस्तफा_*
     हज़रते जिब्रील عليه السلام ने बारगाहे रिसालत में अर्ज़ की : ईमान क्या है ? इर्शाद फ़रमाया : तू अल्लाह पर, उस के फरिश्तों, उस की किताबों और उस के रसूलों, मरने के बाद उठाए जाने और अच्छी बुरी तक़दीर पर ईमान लाए।
*✍🏼مسلم*
*_6 अशखास पर खुदा व रसूल की लानत_*
     हुज़ूर صلى الله عليه وسلم ने इर्शाद फ़रमाया 6 शख्सों पर में ने और अल्लाह ने लानत फ़रमाई है और हर नबी की दुआ क़बूल होती है : (1) तक़दीर का मुनकिर (2) अल्लाह की किताब में इज़ाफ़ा करने वाला (3) ज़बरदस्ती मुसल्लत होने वाला (हाकिम) (4) अल्लाह के हराम को हलाल ठहराने वाला (5) मेरी आल के मुतअल्लिक़ वो बातें हलाल समझने वाला जिन्हें अल्लाह ने हराम किया (6) मेरी सुन्नत को तर्क करने वाला।
*✍🏼السنة لابن ابي عاصم*

*तकदीर पर ईमान लाना लाज़िमी है*
     अल्लाह की बनाई हुई तक़दीर को झुटलाने वाले लोग इस उम्मत के मजूसी है। अगर वो बीमार हो जाए तो तुम उन की इयादत न करना और अगर मर जाए तो उनकी नमाज़े जनाज़ा न पढ़ना और अगर तुम उन से मिलो तो उन्हें सलाम न करना।
*✍🏼السنة لابن ابي عاصم*
*✍🏼76 कबीरा गुनाह* 130

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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