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Thursday 26 July 2018

*गुस्ल का तरीक़ा* #09


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ

اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*एक गुस्ल में मुख्तलिफ निय्यते*

     जिस पर चन्द गुस्ल हो सब की निय्यत से एक गुस्ल कर लिया, सब अदा हो गए सब का षवाब मिलेगा। 


     जुनुब ने जुमुआ या ईद के दिन ग़ुस्ले जनाबत किया और जुमुआ और ईद वग़ैरा की निय्यत भी कर ली सब अदा हो गए,


     अगर उसी गुस्ल से जुमुआ और ईद की नमाज़ अदा करले। 

*✍🏼माखुज़ अज़ बहारे शरीअत, जी.1, स.325*

*✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 94*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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*​DEEN-E-NABI ﷺ*

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