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Sunday 22 July 2018

*अव्वल वक़्त नमाज़ पढ़ने की फ़ज़ीलत*


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ

اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

     हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद رضي الله عنه फ़रमाते है कि मेने हुज़ूर ﷺ से दरयाफ़्त किया: या रसूलल्लाह ﷺ! कौन सा अमल अल्लाह को सबसे ज़्यादा पसन्द है? फ़रमाया: वक़्त पर नमाज़ पढ़ना।

*✍🏼सहीह बुखारी* 504

     फरमाने मुस्तफा ﷺ: अव्वल वक़्त नमाज़ पढ़ना अल्लाह की ख़ुशनूदी का सबब है और आखिर वक़्त नमाज़ पढ़ना अल्लाह की तरफ से अफ्वो दरगुज़र का सबब है।

*✍🏼सुनने तिर्मिज़ी* 172

     फरमाने मुस्तफा ﷺ: अल्लाह ने 5 नमाज़े फ़र्ज़ की है, जिसने अच्छी तरह वुज़ू किया, वक़्त पर नमाज़ पढ़ी और दिल जमाकर अच्छी तरह रूकू और सज्दा किया तो अल्लाह ने ये वादा फ़रमाया है कि वो ऐसे आदमी को बख्श देगा और जो ऐसा न करे उसके लिये कोई वादा नहीं है।

*✍🏼अत्तरगिब् वत्तरहिब*

     फरमाने मुस्तफा ﷺ: जब बन्दा अव्वल वक़्त में नमाज़ पढ़ता है तो उसकी नमाज़ आसमानों की तरफ जाती है और वो नूरानी शक्ल में होती है यहाँ तक कि अर्शे इलाही तक जा पहुंचती है और नमाज़ी के लिये क़यामत तक दुआ करती रहती है कि अल्लाह तेरी हिफाज़त फरमाए जैसे तूने मेरी हिफाज़त की है और जब आदमी बे वक़्त नमाज़ पढ़ता है तो उसकी नमाज़ काली शक्ल में आसमानों की तरफ चढ़ती है जब वो आसमान तक पहुँचती है तो उसे पुराने कपड़े की तरह लपेटकर पढ़ने वाले के मुह पर मार दिया जाता है।

*✍🏼मकासफतुल क़ुलूब* 391

*✍🏼नमाज़ की अहमियत* 40

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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