بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*युसूफ عليه السلام की ताजपोशी*
एक साल बाद बादशाह ने आप عليه السلام को बुलाकर आपकी ताजपोशी की ओर तलवार और महर आपके सामने पेश की ओर आप को तलाई तख्त पर तख्तनशीन किया जो जवाहरात से मरस्सा था और अपना मुल्क आपके सुपुर्द कर दिया।
लेकिन ताज आपने यह कहकर वापस कर दिया कि यह मेरा ओर मेरे आबा का लिबास नहीं अलबत्ता अंगूठी जो बतौर मुहर इस्तेमाल होती थी उसे ओर तख्त को आपने क़बूल कर लिया कि तख्त के ज़रिये तुम्हारी सल्तनत को मज़बूत करूँगा ओर मुहर के ज़रिए तुम्हारे उमूर की तदबीरें सर अंजाम दूंगा।
अज़िज़े मिस्र को माजूल करके आपको तमाम ख़ज़ाइन आपके सुपुर्द कर दिये और सल्तनत के तमाम उमूर आपके हाथ मे दे दिये और खुद एक ताबेअ की हैसिय्यत में हो गया। आपकी राय में दखल नहीं देता था और आपके हुक्म को मानता था इस तरह आप वज़ीरे आज़म बन गये तमाम इख़्तेयारात के मालिक बन गये।
*✍तज़किरतुल अम्बिया* 147
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, गर होजाये यक़ीन के.. अल्लाह सबसे बड़ा है..अल्लाह देख रहा है..
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Sunday 8 July 2018
*तज़किरतुल अम्बिया* #184
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