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Sunday 1 July 2018

*क़ुरआन का तर्जमा व तफ़्सीर*


*कन्ज़ुल ईमान*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*सूरए फातिहा* #03

*सूरतुल फ़ातिहा की खूबियाँ*
    हदीस की किताबों में इस सूरत की बहुत सी ख़ूबियाँ बयान की गई है. हुजू़र सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फरमाया तौरात व इंजील व जु़बूर में इस जैसी सूरत नहींउतरी (तिरमिज़ी).
एक फ़रिश्ते ने आसमान से उतरकर हुजू़र सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम पर सलाम अर्ज़ किया और दो ऐसे नूरों की ख़ूशख़बरी सुनाई जो हुज़ूर सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम से पहले किसी नबी को नहीं दिये गए. एक सूरए फ़ातिहा दूसरे सुरए बक्र की आख़िरी आयतें.
*✍🏼मुस्लिम शरीफ़*
     सूरए फा़तिहा हर बीमारी के लिए दवा है.
     सूरए फ़ातिहा सौ बार पढ़ने के बाद जो दुआ मांगी जाए, अल्लाह तआला उसे क़ुबूल फ़रमाता है.
*✍🏼दारमी*
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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