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Wednesday 29 August 2018

नमाज़ का तरीक़ा* #23


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ

اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*नमाज़ के 7 फराइज़* #03

*_2 क़याम :_* #02

      बाज़ मसाजिद में कुर्सियो का इंतिज़ाम भी होता है, बाज़ बूढ़े वग़ैरा उन पर बैठ कर फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ते है हाला की चल कर आए होते है, नमाज़ के बाद खड़े खड़े बातचीत भी कर लेते है, ऐसे लोग अगर बिगैर इजाज़ते शरई बैठ कर नमाज़े पढ़ेंगे तो उन की नमाज़े न होगी।

     खड़े हो कर पढ़ने की कुदरत हो जब भी बैठ कर नफ्ल पढ़ सकते है मगर खड़े हो कर पढ़ना अफज़ल है।

     हज़रते अब्दुल्लाह बिन अम्र رضي الله تعالي عنه से मरवी है, रहमते आलम صلى الله عليه وسلم ने इरशाद फ़रमाया : बैठ कर पढ़ने वाले की नमाज़ खड़े हो कर पढ़ने वाले की निस्फ़ (यानी आधा षवाब) है।

*✍🏼सहीह मुस्लिम जी.1 स.253*

     अलबत्ता उज़्र की वजह से बैठ कर पढ़े तो षवाब में कमी न होगी ये जो आज कल रवाज पड गया है की नफ्ल बैठ कर पढ़ा करते है ब ज़ाहिर ये मालुम होता है की शायद बैठ कर पढ़ने को अफज़ल समझते है, ऐसा है तो उन का ख्याल गलत है। वित्र् के बाद जो 2 रकअत नफ्ल पढ़ते है उन का भी यही हुक्म है की खड़े हो कर पढ़ना अफज़ल है।


बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله

*✍🏼बहारे शरीअत, जी.4 स.17*

*✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 163*

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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