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Wednesday 15 August 2018

दुन्या से रुखसती की तैयारी*


بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

     प्यारे इस्लामी भाइयों! कब तक गफलत में रहोंगे? तुम्हें मोहलत दिये बगैर तलब कर लिया जाएगा। तुम्हें अपने रब की क़सम! अपने अय्याम को तैयारिये आख़िरत में इस्तिमाल करलो और अपने बुरे आमाल की इस्लाह कर लो और अपनी मौत के इन्तज़ार में रहो। दुन्या ने तुम्हारे कूच का एलान कर दिया जब कि तुम ने दुनयावी ज़िन्दगी को खेलकूद बना रखा है।

     हिसाब का दिन तुम्हारे सामने है, गुनाहों के बोझ और बुरे साथी पर हसरत है और तोशे कि किल्लत और मन्ज़िल की दूरी पर अफसोस है।

     ऐ दुन्या की तरफ मुतवज्जेह हो कर धोके में पड़ने वालों! और इसकी झूटी ख्वाहिशात के फटने में पड़ने वाले! तू तो रास्ता भटक गया है और अपने अमल में झूटा है। ए बदकार! कबतक तौबा को टालता रहेगा हालांकि तौबा में ताखीर करने का तेरे पास आख़िरत में कोई उज़्र नहीं। कब तक तेरे बारे में ये कहा जाता रहेगा की ये फरेब खुर्दा और फिरने में मुब्तला है।

     ए मिस्कीन! भलाई के अय्याम गुज़र गए और तू महीने ही शुमार करता जा रहा है, तू खुद को मक़बूल समझता है या मरदूद? विसाल पाने वाला समझता है या धुत्कार हुवा? क्या तू कल क़यामत के दिन बेहतरीन सवारियों पर सवार होगा या मुंह के बल घसीटा जाएगा? तो खुद को जहन्नमियों में शुमार करता है या जन्नत की नेअमतें और इस के महल्लात पाने वालों में?

     खुदा की क़सम! हल्के फुल्के (गुनाहों से पाक) लोग कामयाब होंगे और बदकार लोग नुक़्शान उठाएंगे। बिल आखिर तमाम उमूर अल्लाह ही कि तरफ लौटने वाले है।

*✍️आंसुओं का दरिया* 99

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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