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Saturday 7 July 2018

*सूरए बक़रह* #02

*क़ुरआन का तर्जमा व तफ़्सीर*
*कन्ज़ुल ईमान*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*शाने नुज़ूल यानी किन हालात में उतरी*
      अल्लाह तआला ने अपने हबीब (अल्लाह के दूरूद और सलाम हों उनपर) से एक ऐसी किताब उतारने का वादा फ़रमाया था जो न पानी से धोकर मिटाई जा सके, न पुरानी हो. जब क़ुरआन शरीफ़ उतरा तो फ़रमाया “ज़ालिकल किताबु” कि वह किताब जिसका वादा था, यही है.
      एक कहना यह है कि अल्लाह तआला ने बनी इस्राइल से एक किताब उतारने का वादा फ़रमाया था, जब हुज़ूर ने मदीनए तैय्यिबह को हिज़रत फ़रमाई जहाँ यहूदी बड़ी तादाद में थे तो “अलिफ़, लाम मीम, ज़ालिकल किताबु” उतार कर उस वादे के पूरे होने की ख़बर दी. (ख़ाजिन)
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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