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Sunday 25 September 2016

क़ब्र में आनेवाला दोस्त

*क़ब्र को रौनक बख्शने और इसे आराम देह बनाने वाले आमाल* #11
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_मुसलमान के दिल में ख़ुशी दाखिल करने का सवाब_*
     हुज़ूरﷺ ने इरशाद फ़रमाया : जो शख्स किसी मोमिन के दिल में ख़ुशी दाखिल करता है अल्लाह उस ख़ुशी से एक फ़रिश्ता पैदा फ़रमाता है जो अल्लाह की इबादत और ज़िक्र में मसरूफ़ रहता है। जब वो बन्दा अपनी क़ब्र में चला जाता है तो वो फ़रिश्ता उस के पास आ कर पूछता है : क्या तू मुझे नहीं पहचानता ? वो कहता है के तू कौन है ? तो वो फ़रिश्ता कहता है के में वो ख़ुशी हु जिसे तूने फुला के दिल में दाखिल किया था, आज में तेरी वहशत में तुझे उन्स पहोचाऊँगा और सुवालात के जवाबात में साबित क़दम रखूंगा और तुझे रोज़े क़यामत के मनाज़िर दिखाऊंगा और तेरे लिये रब की बारगाह में सिफारिश करूँगा और तुझे जन्नत में तेरा ठिकाना दिखाऊंगा।

     सुब्हान अल्लाह ! किसी के दिल में ख़ुशी दाखिल करना कितना आसान मगर इसका इनआम कितना शानदार है, मगर ये फ़ज़ीलत उसी वक़्त हासिल हो सकेगी जब वो खशी ऐन शरीअत के मुताबिक़ हो।

*_किसी के दिल में ख़ुशी दाखिल करने के चन्द काम_*
     किसी प्यासे को पानी पिला देना। किसी भूके को खाना खिला देना। कोई दुआ के लिये कहे तो फौरन उसके लिये दुआ कर देना। ज़रूरत मन्द की मदद करना। हाजत मन्द को क़र्ज़ देना। तंगदस्त मकरुज़ को क़र्ज़ अदा करने में मोहलत देना। गरीब मरीज़ की इयादत को जाना। मुस्करा कर बात करना। कोई  गलती कर बेठे तो उस से दर गुज़र करना। पसन्दीदा चीज़ खिलाना। अहम मवाकेअ पर तोहफा देना। वालिदैन की खिदमत करना। मज़लूम की मदद करना। दौराने सफर बैठने के लिये जगह दे देना।
*✍🏽क़ब्र में आनेवाला दोस्त, 88*
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