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Friday 2 September 2016

फुतूह अल ग़ैब

*वासिलाने हक की कैफियत :* #2
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

      तेरा दिल एहले ज़मीनसे से लगा हुआ है और उनके कुलूब (ज़मीर) रब्बुल अर्श से जुड़े हुए है। तुम जिस चीज़ की तरफ देखते हो उसीका शिकार हो जाते हो। वासिला ने हक वो हैँ जो अपने देखनेवालों की तरफ मुतवज्ज़ा नही होते बल्के हर चिज़के खालिक की तरफ देखते हैँ, जो बज़ाहिर दिखाई नहीं देता। उन्होंने तो रिहाई पा ली। और नजात हासिल कर ली और तुम ख्वाहिशाते नफसानी के कैदी हो कर रेह गए हो।
बाक़ी कल की पोस्ट में... इंसा अल्लाह

*✍🏽फुतूहल ग़ैब*  पेज 34
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खादिमे दिइने नबी ﷺ
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