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Monday, 19 September 2016

मदनी पंजसुरह

*अहद नामा की फ़ज़ीलत*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     जो हर नमाज़ के बाद अहद नामा पढ़े, फ़रिश्ते उसे लिख कर मोहर लगा कर क़यामत के लिये उठा रखे, जब अल्लाह उस बन्दे को क़ब्र से उठाए, फ़रिश्ता वो दस्तावेज़ साथ लाए और निदा की जाए अहद वाले कहा है, उन्हें वो अहद नामा दिया जाए।
     इमाम हकीम तिरमिजी रहमतुल्लाह अलैह ने इसे रिवायत कर के फ़रमाया, इमाम ताऊस रहमतुल्लाह अलैह की वसिय्यत से ये अहद नामा उन के कफ़न में लिखा गया।

*✍🏽दुर्रुल मंशुर, 5/542*
*✍🏽मदनी पंजसुरह, 226*
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