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Saturday 24 September 2016

​फैज़ाने आइशा सिद्दीक़ा

 #06
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_फ़ज़ाइले आइशा पर मुश्तीमल 7 रिवायात_*​​ #01
     (6)... अम्मुल मुअमिनीन बिन्ते अमीरूल मुअमिनीन हजरते र्सीय्य-दतुना अइशा सिद्दीकाرضي الله تعالي عنها ने अपने सरताज से अर्ज की : या रसुलल्लाहﷺ ! अल्लाह से मेरे लिये दूआ फरमाईये । आपﷺ ने बारगाहे खूदा मैं यूं इिल्तजा की : ऐ अल्लाह ! आइशा के अगले पिछले जाहिरी बतिनी गुनाह मूआफ फरमा दे। येह सुन कर हजरेत साय्यि -दूतुना आइशा हस कदर मुस्कुराई कि आप का सर अपनी गाेद में चला गया । हूजूरﷺ ने इर्शाद फरमाया : क्या तुम मेरी दूआ पर खूश होती हो ? अर्ज की : में आप की दूआ पर कंयू न खूश होउं ? तो २सुले करीमﷺ ने फ़रमाया :अल्लाह की क्सम ! बेशक हर नमाज़ में येह दूआ मेरी उम्मत के लिये है।
*✍सही इब्ने जहान सः1901,हादिसः4111*

     (7)... आइश़ाرضي الله تعالي عنها की फजीलत तमाम औरतों पर ऐसी है जैसे सरीद की सब खानों पर ।
*✍तीरमीज़ी स: 842,हदिसः 3886*

     शारेहे मिश्कात, हकीमुल उम्मत मुफ़्ती अहमद यार खान नईमी अलैरहमा फरमाते है : हज़रते आइशाرضي الله تعالي عنها सूरत, सीरत, इल्म, अमल, फ़साहत, फ्तानत, ज़कावत, अक़्ल, हुज़ूरﷺ की महबूबिय्यत वगैरा हज़ारहा सिफ़ात की जामेअ है. हक़ ये है कि आप सारी औरतो हत्ता की खदीजतुल कुब्रा से भी अफज़ल है, आप बहुत अहादीस की जामेअ, उलुमे क़ुरआनीया की माहिर बीबी है.
     मजीद फरमाते है : आपرضي الله تعالي عنها के फ़ज़ाइल रैत के ज़र्रो, आसमान के तारो की तरह बे शुमार है, आप रब तआला का तोहफा है जो हुज़ूरﷺ को अता हुई. आप की इस्मत व इफ़्क़त की गवाही खुद रब तआला ने क़ुरआने मजीद में सूरए नूर में दी, हाला की जनाबे मरयम और युसूफ की इस्मत की गवाही बच्चे से दिलवाई गई.
     उम्मत को तयम्मुम की आसानी आपرضي الله تعالي عنها के सदके से मिली, हुज़ूरﷺ का विसाल आप के सीने पर हुवा. हुज़ूरﷺ की आखरी आराम गाह आप का हुजरा है, आप का लुआब हुज़ूरﷺ के लुआब के साथ विसाल के वक़्त जमा हुवा, आप के बिस्तर में वही आती थी, आप खुद सिद्दीक़ा है और सिद्दीक़ की बेटी है.
*✍🏽फैजाने आइशा सिद्दीक़ा, 18*
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