Pages

Friday 22 July 2016

सिरते मुस्तफाﷺ


*गज़्वए गतफन*
हीस्सा-02
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     दाशुर ने हुज़ूरﷺ के सरे मुबारक पर तलवार बुलंद करके बोला बताइये अब कौन है जो आप को मुझ से बचा ले ?
     आप ने जवाब दिया कि मेरा अल्लाह मुझ को बचा लेगा। चुनांचे जिब्राईल अलैहिस्सलाम दम ज़दन में ज़मीन पर उतर पड़े और दाशुर के सीने में एक घुसा मारा कि तलवार उस के हाथ से गिर पड़ी लर दाशुर ऐन गेन हो कर रह गया।
     हुज़ूरﷺ ने फौरन तलवार उठा ली और फ़रमाया कि बोल अब तुझ को मेरी तलवार से कौन बचाएगा ? दाशुर ने कांपते हुए भराई हुई आवाज़ में कहा कि कोई नही। हुज़ूरﷺ को उसकी बे कसी पर रहम आ गया और आपﷺ ने उस का कुसूर मुआफ़ फरमा दिया।
     दाशुर इस अखलाके नुबुव्वत से बेहद मूतअश्शीर हुवा और कलिमा पढ़ कर मुसलमान हो गया और अपनी क़ौम में आ कर इस्लाम की तबलीग करने लगा।
     जस गज़वे में कोई लड़ाई नही हुई और हुज़ूरﷺ 11 या 15 दिन मदीने से बाहर रह कर फिर मदीने आ गए।
*✍🏽सिरते मुस्तफा 286*
___________________________________
📮Posted by:-
*​DEEN-E-NABI ﷺ*​
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 955 802 9197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment