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Saturday 30 July 2016

तफ़सीरे अशरफी


हिस्सा-52
*_सूरए बक़रह, पारह 01_*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*आयत ⑤ⓞ, तर्जुमह*
और जब फाड़ दिया था हमने तुम्हारे सबब दरिया को, तो बचा लिया हमने तुम्हे और डुबो दिया हमने फ़िरऔनियो को क्र तुम देख रहे हो।

*तफ़सीर*
     अय यहूदियो ! हमारा कितना बड़ा एहसान हुवा था जब बनी इस्राइल को लेकर हज़रते मूसा मिसर से हिजरत करके चले जा रहे थे। और फ़िरऔनियो ने उनको पकड़ने के लिये फ़िरऔन की आगवानी में पीछा किया था और रस्ते में जब वो दरिया पड़ा, जिसका नाम "बेहरे कुलज़ुम व दरिया ए असाफ़" है, बनी इस्राइल डर रहे थे के पीछे फ़िरऔन की लाखो फ़ौज है और सामने दरिया है, और हुक्मे इलाही से हज़रते मूसा ने अपना असा मारा, तो सबने देखा के उस वक़्त फाड़ दिया था हमने तुम्हारे बाप दादा ओ के सबब के बे खौफ निकल जाओ। और ऐसा फाड़ा था दरिया को के दोनों जानिब पानीकी दिवार थी, जिस्के दरम्यान सुकी ज़मीन 12 मिल की निकल आई थी।
     तो बचा लिया हमने तुम्हे फ़िरऔन और फ़िरऔनि जो लाखो थे, सामाने जंग के साथ नर घोड़ो पर सवार थे,
     दरिया का ये नक्शा देख कर फ़िरऔन ने डिंग मारी के मेरी हैबत से दरिया फट गया है। मगर किसी की हिमत उसमे उतरने की न पड़ती थी।
     जिब्राईले अमिन एक घोड़ी पर नमूदार हुए और दरिया में उतरे। तो फ़िरऔन का घोडा भी रोके न रुका और कूद पड़ा। फिर अचानक सारे फ़िरऔनियो के घोड़े भी कूद पड़े। और दरिया के दोनों किनारो को मिला कर डुबो दिया हमने सारे फ़िरऔनियो को।
     वो कुछ बहुत दूर नही जा चुके थे। इतने फासले पर डुबोये गए थे के तुम्हारी निगाह उन तक पहुचे और तुम उन्हें डूबते हुए अपनी आँखोसे देख रहे हो।
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खादिमे दिने नबी ﷺ *मुहम्मद मोईन*
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