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Sunday 17 July 2016

सिरते मुस्तफाﷺ


*जंगे उहुद*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_शुहदए किराम_*
     इस जंग में 70 सहाबए किरामرضي الله تعالي عنهم ने जामे शहादत नोश फ़रमाया जिन में 4 मुहाजिर और 66 अंसार थे। 30 की तादाद में कुफ्फार भी निहायत ज़िल्लत के साथ क़त्ल हुए।
     मगर मुसलमानो की मुफलिसी का ये आलम था की इस शुहदाए किराम के कफ़न के लिये कपड़ा बजी नही था। हज़रते मूसअब बिन उमैर का ये हाल था कि ब वक़्ते शहादत उनके बदन पर सिर्फ एक इतनी बड़ी कमली थी की उन की लाश को क़ब्र में लिटाने के बाद अगर उनका सर ढ़ापा जाता था तो पाउ खुल जाते थे और अगर पाउ को छुपाया जाता था तो सर खुल जाता था बिल आखिर सर छुपा दिया गया और पाउ पर घास डाल दी गई।
     शुहदाए किराम खून में लिथड़े हुए दो दो शहीद एक एक क़ब्र में दफ़्न किये गए। जिस को क़ुरआन ज़्यादा याद होता उसको आगे रखते।
*✍🏽सिरते मुस्तफा 282*
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