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Sunday 31 July 2016

सिरते मुस्तफाﷺ


*_हज़रते खूबैब की क़ब्र_*
हिस्सा-02
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     इन हज़रात ने जब देखा की कुरैश के सुवार हम को गिरफ्तार कर लेंगे तो इन्होंने ने हज़रते खूबैबرضي الله تعالي عنه की लाश मुबारक को घोड़े से उतार कर ज़मीन पर रख दिया। खुदा की शान कि एक दम ज़मीन फट गई और लाश मुबारक को निगल गई और फिर ज़मीन इस तरह बराबर हो गई कि फटने का निशान भी बाक़ी नही रहा। यही वजह है कि हज़रते खूबैब का लक़ब " बलीउल अर्द" (जिन को ज़मीन निगल गई) है।
     इसके बाद इन हज़रात ने कुफ्फार से खा4 कि हम दो शेर है जो अपने जंगल में जा रहे है अगर तुम लोगो से हो सके तो हमारा रास्ता रोक कर देखो वरना अपना रास्ता लो।
     कुफ्फार ने इन दो हज़रात के पास लाशनहि देखि इस लिये मक्का वापस चले गए। जब दोनों सहाबए किराम ने बारगाहे रिसालत में सारा माजरा अर्ज़ किया तो हज़रते जिब्राईल अलैहिस्सलाम हाज़िरे दरबार थे। उन्होंने अर्ज़ किया की या रसुलल्लाहﷺ ! आप इन दोनों यारो के इस कारनामे पर हम फरिश्तों की जमाअत को भी फख्र है।
*✍🏽सिरते मुस्तफा 293*
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खादिमे दिने नबी ﷺ *मुहम्मद मोईन*
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