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Wednesday 27 July 2016

तफ़सीरे अशरफी


हिस्सा-49
*सूरए बक़रह, पारह 01*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*आयत ④⑦, तर्जुमह*
अय औलादे यअक़ूब ! याद करो मेरी नेअमत को, जो इनआम फ़रमाया था मेने तुम पर। और बेशक मेने ही बढ़ाया था तुमको ज़माने भर पर।

*तफ़सीर*
     अय औलादे यअक़ूब ! यहूदियो ! याद करो मेरी उन नेअमत व एहसान को भी, जो इनआम फ़रमाया था मेने तुम लोगो के बुज़ुर्गो पर। और तुम्हारे पास "मेरा बाप बादशाह था" की जो हिकायत है, तो खूब समझ लो के बेशक मेने ही बढ़ाया था और बुलंद रुतबा किया था तुम लोगो के बुज़ुर्गो का उनके ज़माने भर पर के अम्बिया(नबी) व बादशाह(सलातीन) होते थे
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