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Monday 25 July 2016

अब्लाक़ घोडा

*क़ुरबानी के मसाइल*
*_मुस्तहब काम के लिये गुनाह की इजाज़त नही_*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     याद रहे ! 40 दिन के अंदर नाख़ून तराशना, बगलो और नाफ के निचे के बाल साफ़ करना ज़रूरी है, 40 दिनसे ज़्यादा ताखीर गुनाह है।
     आला हज़रत अलैरहमा फरमाते है : जुल हिज्जा के इब्तिदाई 10 दिन में नाख़ून वगैरा न काटने का हुक्म सिर्फ इस्तिहबाबी है, करे तो बेहटरहै न करे तो मुज़ायक़ा नही, न इस को हुक्म ना फ़रमानी कह सकते है, न क़ुरबानी में खामी आने की कोई वजह,
     बल्कि अगर किसी शख्स ने 31 दिन से किसी उज़्र के सबब ख्वाह बिला उज़्र नाख़ून न तराशे हो की चाँद ज़िल हिज्जा का हो गया तो वो अगरचे क़ुरबानी का इरादा रखता हो इस मुस्तहब पर अमल नही कर सकता की अब 10वी तक रखेगा तो नाख़ून तरशवाए हुए 41 दिन हो जाएगा और 40 दिन से ज़्यादा न बनवाना गुनाह है। फेल मुस्तहब के लिये गुनाह नही कर सकता।
*✍🏽फतावा रज़विय्या 20/353*
*✍🏽अब्लाक़ घोडा, 5,6*
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