*_गज़्वए गतफान_*
हिस्सा-01
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
रबीउल अव्वल सि. 3 हि. में हुज़ूरﷺ को ये इत्तिला मिली की नज्द के एक मशहूर बहादुर दाशुर बिन अल हारिष मुहारीबि ने एक मशकर तैयार कर लिया है ताकि मदीने पर हमला करे।
इस खबर के बाद आप 400 सहाबा की फ़ौज़ ले कर मुक़ाबले के लिये रवाना हो गए। जब दाशुर को खबर मिली की रसूलल्लाह हमारे दीयार में आ गए तो वो भाग निकला और अपने लश्कर को ले कर पहाड़ो पर चढ़ गया मगर उसकी फ़ौज का एक आदमी जिसका नाम हब्बान था गिरफ्तार हो गया और फौरन ही कलिमा पढ़ कर उसने इस्लाम क़बूल कर लिया।
इत्तिफ़ाक़ से उस रोज़ ज़ोरदार बारिश हो गई। हुज़ूरﷺ एक दरख्त के निचे लेट कर आपने कपड़े सुखाने लगे। पहाड़ की बुलंदी से काफिरो ने देख लिया की आप बिलकुल अकेले और अपने असहाब से दूर बजी है।
एक दम दाशुर बिजली की तरह पहाड़ से उतर कर नंगी शमशीर हाथ में लिये हुए आया और हुज़ूरﷺ के सरे मुबारक पर तलवार बुलंद करके बोला की बताइये अब कौन है जो आपको मुझ से बचा ले ?
बाक़ी अगली पोस्ट में..इन्शा अल्लाह
*✍🏽सिरते मुस्तफा 285*
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