Pages

Monday 11 July 2016

बुग्ज़ व किना

*किने का इलाज*
हिस्सा-09
*بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_बेजा सोचना छोड़ दीजिये_*
बाज़ हुकमा क़ौल है : तिन चीज़ों में गौर न करे,

1 अपनी मुफलिसी व तंग दस्ती (और मुसीबत) पर, इस लिये कि इसमें गौर करते रहने से गम व टेन्शन में इज़ाफ़ा और हिर्स में ज़्यादती होगी।

2 ज़ुल्म करने वाले के ज़ुल्म पर गौर न कर कि इससे दिल में किना बढ़ेगा और गुस्सा बाक़ी रहेगा।

3 दुन्या में ज़्यादा देर ज़िन्दा रहने के बारे में न सोच की इस तरह माल जमा करने में अपनी उम्र ज़ाएअ कर देंगा और अमल के मुआमले में टालम टोल से काम लेगा।

लिहाज़ा हमे चाहिये कि दुन्यवि तफक्कुरात में जान खपाने के बजाए आख़िरत के मुआमलात में इस तरह मूनहमिक हो जाए जैसा कि हमारे अस्लाफ का मदनी अंदाज़ था।
*✍🏽बुग्ज़ व किना 47*
___________________________________
📮Posted by:-
*​DEEN-E-NABI ﷺ*​
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 9723 654 786
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment