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Wednesday 6 July 2016

बुग्ज़ व किना

*किने का इलाज*
हिस्सा~06
*بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_बुग्ज़ व अदावत में पड़ जाओगे_*
हज़रते हसन رضي الله تعالي عنه से मरवी है कि एक बार नबी ﷺ असहाबे सुफ़्फ़ा के पास तशरीफ़ लाए और इस्तिफ़सार फ़रमाया :
तुम ने सुबह किस हाल में की ?
इन्होंने अर्ज़ की खैरो भलाई के साथ।
इरशाद फ़रमाया :
आज तुम बेहतर हो (उस वक़्त से कि) जब तुम्हारे पास सुबह खाने का एक बड़ा प्याला और शाम दूसरा बड़ा प्याला लाया जाएगा और अपने घरो पर इस तरह पर्दे लतकाओगे जिस तरह काबा पर गिलाफ डाले जाते है।
असहाबे सुफ़्फ़ा अर्ज़ गुज़ार हुए :
या रसूलल्लाह ﷺ ! क्या हम अपने दिन पर क़ाइम रहते हुए ये नेमते हासिल होंगी ?
फ़रमाया : हा।
अर्ज़ की: फिर तो हम उस वक़्त बेहतर होंगे क्यू कि हम सदक़ा व खैरात करेंगे और गुलामो को आज़ाद करेंगे।
आप ﷺ ने इरशाद फ़रमाया : नही ! बल्कि तुम आज बेहतर हो क्यू की जब तुम इन नेमतों को पाओगे तो आपस में हसद करने लगोगे, बाहम कतए तअल्लुक़ी करने की आफत और बुग्ज़ व अदावत में पद जाओगे।
*✍🏽बुग्ज़ व किना 44*
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