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Saturday 9 July 2016

मदनी पंजसुरह

*सूरतुल बकरह की आखिरी आयात पढने के फ़ज़ाइल*
*بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

हजरते नोमान बिन बसीरرضي الله تعالي عنه से रिवायत है की हुजुरﷺ ने फ़रमाया :
अल्लाह ने जमीन व आसमान को पैदा करने से दो हज़ार साल पहले एक किताब लिखी फिर उस में से सुरहे बकरह की आखरी दो आयते नाजिल फरमाई. जिस घर में तीन राते इन दो आयतो को पढ़ा जाएगा शैतान उस घर के करीब न आयेंगा
*✍🏽तिर्मिज़ी 4/404*

हजरते  अबू जरرضي الله تعالي عنه से रिवायत है की हुजुरﷺ ने फ़रमाया :
 सुरए बकरह के खातिमा की दो आयते अल्लाह के उस खजाने में से है जो अर्श के निचे है अल्लाह तआला ने मुझे ये दोनों आयते दी इन्हें सीखो और अपनी औरतो को सीखाओ की वो रहमत है अल्लाह से नजदीक और दुआ है।
*✍🏽दारमी 2/542*

हजरते मसउदرضي الله تعالي عنه से रिवायत है की हुजुरﷺ ने फ़रमाया :
जो शख्स सुरए बकरह की आखिरी दो आयाते रात में पढेगा वो उसे किफ़ायत करेंगी.
*✍🏽सहीह बुखारी 3/405*

सुरए बकरह की दो आयते उस के  उस रात के कियाम [रात की इबादत] के काइम मक़ाम हो जाएगी  या उस रात उसे शैतान से महफूज़ रखेंगी एक कौल यह भी है की उस रात में नाजिल होने वाली आफत से बचाएगी।
*✍🏽फुतुहुल बारी 9/48*
*✍🏽मदनी पंजसुरह 12*
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