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Thursday 14 July 2016

मदनी पंजसुरह

*सूरए फातिहा के फ़ज़ाइल*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     हुज़ूरﷺ ने फ़रमाया सूरए फातिहा हर मरज़ की दवा है।
*✍🏽सुनन दारिमि 2/538*

     मुसन्दे दारिमि में है कि 100 मर्तबा सूरए फातिहा पढ़ कर जो दुआ मांगी जाए उसको अल्लाह क़बूल फ़रमाता है।
*✍🏽जन्नती ज़ेवर 587*

     बुज़ुर्गो ने फ़रमाया है कि फज्र की सुन्नतो और फ़र्ज़ के दरमियान में 41 बार सूरए फातिहा पढ़ कर मरीज़ पर डीएम करने से आराम हो जाता है, और आँख का दर्द बहुत जल्द अच्छा हो जाता है, और अगर इतना पढ़ कर अपना थूक आँखों में लगा दिया जाए तो बहुत मुफीद है।
*✍🏽जन्नती ज़ेवर 587*

     7 दिन तक रोज़ाना ग्यारा हज़ार मर्तबा सिर्फ इतना पढ़िये
 *اِيَّاكَ نَعْبُدُ وَاِيَّاكَ نَسْتَعِيْن*
*इय्याक नअबुदु व-इय्याक नस्तईन*
अव्वल आखिर 3-3 बार दुरुद शरीफ भी पढ़िये बीमारियो और बालाओं को दूर करने के लिये बहुत ही मुजर्र्ब अमल है।
*✍🏽जन्नती ज़ेवर 588*
*✍🏽मदनी पंजसुरह 19*
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