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Monday 4 July 2016

बुग्ज़ व किना

*किने का इलाज*
हिस्सा~04
*بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_शराब नोशी और जुआ_*
शराब पिने और जुआ खेलने जेसे हराम व जहन्नम में ले जाने वाले काम से कोसो दूर रहिये कि क़ुरआन में इन दोनों चीज़ों को किने का सबब क़रार दिया गया है।
चुनान्चे पारह 7, सूरतुल माइदह की आयत 90-91 मे अल्लाह का फरमान है :
*ऐ ईमान वालो ! शराब और जुआ और बूत और पासे नापाक ही है शैतानी काम, तो इन से बचते रहना कि तुम फलाह पाओ, शैतान यही चाहता है कि तुम में बेर और दुश्मनी डलवा दे शराब और जुए में और तुम्हे अल्लाह की याद और नमाज़ से रोके तो क्या तुम बाज़ आए ?*

हज़रत नईमुद्दीन मुरादाबादी अलैरहमा इस आयत के तहत लिखते है :
इस आयत में शराब और जुए के नताइज और वबाल बयान फरमाए गए कि शराब खोरी और जुए बाज़ी का एक वबाल तो ये कि इससे आपस में बुग्ज़ और अदावते पैदा होती है और जो इन बुराइयो में मुब्तला हो वो ज़िक्रे इलाही और नमाज़ के अवक़ात की पाबंदी से महरूम हो जाता है।
*✍🏽कन्जुल ईमान मअ खज़ाइनुल इरफ़ान 236*
*✍🏽बुग्ज़ व किना 43*
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