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Monday 4 July 2016

सिरते मुस्तफा ﷺ


*​जंगे उहूद*​
*بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_​​सहाबा का जोशे जां निषार​_*​
हिस्सा-01
हज़रते अबू तल्हा رضي الله تعالي عنه निशाना बाज़ी में मश्हूर थे। इन्हों ने हुज़ूर ﷺ को पीठ के पीछे बिठा लिया था ताकि दुश्मनो के तीर या तलवार का कोई वार आप पर न आ सके। कभी कभी आप दुश्मनो की फोज़ को देखने के लिये गर्दन उठाते तो हज़रते तल्हा رضي الله تعالي عنه अर्ज़ करते कि या रसूलल्लाह ﷺ ! मेरे माँ बाप आप पर क़ुर्बान ! आप गर्दन न उठाए, कहि ऐसा न हो कि दुश्मनो का कोई तीर आप को लग जाए। या रसूलल्लाह ﷺ ! आप मेरी पिढ़ के पीछे ही रहे मेरा सीना आप के लिये ढाल बना हुवा है।
*✍🏽सिरते मुस्तफा 271*
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