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Wednesday 13 July 2016

सिरते मुस्तफाﷺ


*जंगे उहुद*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_हज़रते उम्मे अम्मारा की जां निषारि_*
हिस्सा-01
     हज़रते बीबी उम्मे अम्माराرضي الله تعالي عنها जिन का नाम "नसीबा" है जंगे उहुद में अपने शोहर हज़रते ज़ैद बिन आसिम और दो फ़रज़न्द हज़रते अम्मारा और हज़रते अब्दुल्लाहرضي الله تعالي عنه को साथ ले कर आई थी। पहले तो ये मुजाहिदीन को पानी पिलाती रही लेकिन जब हुज़ूरﷺ पर कुफ्फार की यलगार का होशरुबा मंज़र देखा तो मशक को फेंक दिया और एक खन्जर ले कर कुफ्फार के मुक़ाबले में सीना सिपर हो कर खड़ी हो गई और कुफ्फार के तीर व तलवार के हर एक वार को रोकती रही।
     चुनांचे उन के सर और गर्दन पर 13 ज़ख्म लगे। इब्ने क़मीआ मलऊन ने जब हुज़ूरﷺ पर तलवार चला दी तो बीबी उम्मे अम्मारा ने आगे बढ़ कर अपने बदन पर रोका। उनके कंधे पर इतना गहरा ज़ख्म आया कि गार पड़ गया फिर खुद बढ़ कर इब्ने क़मीआ के शाने पर ज़ोरदार तलवार मारी लेकिन वो मलऊन दोहरी ज़िरह पहने हुए था इस लिये बच गया।

बाक़ी कल की पोस्ट में..इन्शा अल्लाह
*✍🏽सिरते मुस्तफा 279*
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