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Monday 23 January 2017

*नमाज़ के मकरुहाते तहरीमि* #02
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_तबई हाजत की शिद्दत_*
     पेशाब, पाखाना या रीह की शिद्दत होना।
     अगर नमाज़ शुरू करने से पहले ही शिद्दत हो तो वक़्त में वुसअत होने की सूरत में नमाज़ शुरू करना ही गुनाह है।
     हा अगर ऐसा है कि फरागत और वुज़ू के बाद नमाज़ का वक़्त खत्म हो जाएगा तो नमाज़ पढ़ लीजिये।
     और अगर दौराने नमाज़ में ये हालत पैदा हुई तो अगर वक़्त में गुंजाइश हो तो नमाज़ तोड़ देना वाजिब है अगर इसी तरह पढ़ ली तो गुनाहगार होंगे।
*✍🏽रद्दल मोहतार, जी.2 स.492*

*_नमाज़ में कंकरिया हटाना_*
     दौराने नमाज़ कंकरिया हटाना मकरुहे तहरीमि है।
     हज़रते जाबिर फरमाते है, मेने दौराने नमाज़ कंकरी छूने से मुतअल्लिक़ बारगाहे रिसालत में सुवाल किया, इरशाद हुवा : एक बार। और अगर तू इस से बचे तो सियाह आँख वाली 100 ऊंटनीयो से बेहतर है।
     हा अगर सुन्नत के मुताबिक़ सज्दा अदा न हो सकता हो तो एक बार हटाने की इजाज़त है और अगर बिगैर हटाए वाजिब अदा न होता हो तो हटाना वाजिब है चाहे एक बार से ज़्यादा की हाजत पड़े।
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, स. 190*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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