Pages

Saturday 14 January 2017

*नमाज़ की सुन्नते* #09
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_सुन्नते बादिय्या की सुन्नते_*
     जिन फर्ज़ो के बाद सुन्नते है उन में बादे फ़र्ज़ कलाम न करना चाहिये अगरचे सुन्नत हो जाएगी मगर षवाब कम होगा और सुन्नतो में ताखीर भी मकरूह है इसी तरह बड़े बड़े अवरादो वज़ाइफ की भी इजाज़त नहीं।
     फर्ज़ो के बाद क़ब्ले सुन्नत मुख़्तसर दुआ पर क़नाअत चाहिये वरना सुन्नतो का षवाब कम हो जाएगा।
*✍🏽बहरे शरीअत, 3/81*

     सुन्नत व फ़र्ज़ के दरमियान कलाम करने से दुरुस्त तरीन ये है कि सुन्नत बातिल नहीं होती अलबत्ता षवाब कम हो जाता है। यही हुक्म उस काम का है जो मुनाफिये तहरीमा है।
     सुन्नते वही न पढ़िये बल्कि दाए, बाए, आगे, पीछे हट कर पढ़िये या घर जा कर अदा किजिये।
*✍🏽आलमगिरी, 1/77*

     सुन्नते पढ़ने के लिये घर जाने की वजह से जो फ़ासिला हुवा उस में हर्ज नही।

     जगह बदलने या घर जाने के लिये नमाज़ी के आगे से गुज़रना या उस की तरफ अपना चेहरा करना गुनाह है अगर निकलने की जगह न मिले तो वही सुन्नते पढ़ लीजिये।
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, 179*
*____________________________________________*
मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*____________________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment