*नमाज़ के मकरुहाते तहरीमि* #06
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
*_गधे जैसा मुंह_*
हज़रते इमाम न-ववी अलैरहमा हदिष लेने के लिये एक बड़े मशहूर शख्स के पास दिमश्क़ गए। वो पर्दा डाल कर पढ़ाते थे, मुद्दतो तक उन के पास बहुत कुछ पढ़ा मगर उन का मुंह न देखा, जब ज़मानए दराज़ गुज़रा और उन मुहद्दिस साहिब ने देखा कि इन को इल्मे हदिष की बहुत ख्वाहिश है तो एक रोज़ पर्दा हटा दिया !
देखते क्या है कि उनका गधे जैसा मुंह है !! उन्होंने फ़रमाया, साहिब ज़ादे ! दौराने जमाअत इमाम पर सबक़त करने से डरो कि ये हदिष जब मुझ को पहुची मेने इसे मुस्तबअद जाना और मेने इमाम पर क़सदन सबक़त की तो मेरा मुह ऐसा हो गया जैसा तुम देख रहे हो।
*✍🏽बहारे शरीअत, जी.3 स.95*
दूसरा कपड़ा होने के बा वुजूद सिर्फ पाजामा या तहबन्द में नमाज़ पढ़ना।
किसी आने वाले शनासा की खातिर इमाम का नमाज़ को तूल देना.
*✍🏽आलमगिरी, 1/107*
अगर उस की नमाज़ पर इआनत (मदद) के लिये एक दो तस्बीह की क़दर तूल दिया तो हरज नहीं।
ऐसी ज़मीन जिस पर ना जाइज़ क़ब्ज़ा किया हो या पराया खेत जिस में ज़राअत मौजूद है या जूते हुए खेत में या क़ब्र के सामने जब कि क़ब्र और नमाज़ी के बिच में कोई चीज़ हाइल न हो नमाज़ पढ़ना।
*✍🏽आलमगिरी, 1/107*
कुफ़्फ़ार के इबादत खाने में नमाज़ पढ़ना बल्कि इन में जाना भी मम्नुअ है।
*✍🏽रद्दलमोहतार, 2/53*
कुरते वग़ैरा के बटन खुले होना जिस से सीना खुला रहे मकरुहे तहरीमि है, हा अगर निचे कोई और कपड़ा है जिस से सीना नहीं खुला तो मकरुहे तन्ज़ीहि है।
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, 196*
*___________________________________*
मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*DEEN-E-NABI ﷺ*
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हज़रते इमाम न-ववी अलैरहमा हदिष लेने के लिये एक बड़े मशहूर शख्स के पास दिमश्क़ गए। वो पर्दा डाल कर पढ़ाते थे, मुद्दतो तक उन के पास बहुत कुछ पढ़ा मगर उन का मुंह न देखा, जब ज़मानए दराज़ गुज़रा और उन मुहद्दिस साहिब ने देखा कि इन को इल्मे हदिष की बहुत ख्वाहिश है तो एक रोज़ पर्दा हटा दिया !
देखते क्या है कि उनका गधे जैसा मुंह है !! उन्होंने फ़रमाया, साहिब ज़ादे ! दौराने जमाअत इमाम पर सबक़त करने से डरो कि ये हदिष जब मुझ को पहुची मेने इसे मुस्तबअद जाना और मेने इमाम पर क़सदन सबक़त की तो मेरा मुह ऐसा हो गया जैसा तुम देख रहे हो।
*✍🏽बहारे शरीअत, जी.3 स.95*
दूसरा कपड़ा होने के बा वुजूद सिर्फ पाजामा या तहबन्द में नमाज़ पढ़ना।
किसी आने वाले शनासा की खातिर इमाम का नमाज़ को तूल देना.
*✍🏽आलमगिरी, 1/107*
अगर उस की नमाज़ पर इआनत (मदद) के लिये एक दो तस्बीह की क़दर तूल दिया तो हरज नहीं।
ऐसी ज़मीन जिस पर ना जाइज़ क़ब्ज़ा किया हो या पराया खेत जिस में ज़राअत मौजूद है या जूते हुए खेत में या क़ब्र के सामने जब कि क़ब्र और नमाज़ी के बिच में कोई चीज़ हाइल न हो नमाज़ पढ़ना।
*✍🏽आलमगिरी, 1/107*
कुफ़्फ़ार के इबादत खाने में नमाज़ पढ़ना बल्कि इन में जाना भी मम्नुअ है।
*✍🏽रद्दलमोहतार, 2/53*
कुरते वग़ैरा के बटन खुले होना जिस से सीना खुला रहे मकरुहे तहरीमि है, हा अगर निचे कोई और कपड़ा है जिस से सीना नहीं खुला तो मकरुहे तन्ज़ीहि है।
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, 196*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
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