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Tuesday 10 January 2017

*तर्जमए कन्ज़ुल ईमान व तफ़सीरे खज़ाइनुल इरफ़ान* #124
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_सूरतुल बक़रह, आयत ①⑥⑧_*
     ऐ लोगों खाओ जो कुछ ज़मीन में  हलाल और पाकीज़ा है और शैतान के क़दम पर क़दम न रखो बेशक वह तुम्हारा खुला दुश्मन है.

*_सूरतुल बक़रह, आयत ①⑥⑨_*
     वह तो तुम्हें यही हुक़्म देगा बदी और बेहयाई का  और यह कि अल्लाह पर वह बात जोड़ो जिसकी तुम्हें ख़बर नहीं.

*तफ़सीर ①⑥⑧*
     ये आयत उन लोगों के बारे में उतरी जिन्हों ने बिजार वग़ैरह को हराम क़रार दिया था. इससे मालूम हुआ कि अल्लाह तआला की हलाल फ़रमाई हुई चीज़ों को हराम क़रार देना उसकी रिज़्क़ देने वाली शक्ति से बग़ावत है.
     मुस्लिम शरीफ़ की हदीस में है, अल्लाह तआला फ़रमाता है जो माल मैं अपने बन्दों को अता फ़रमाता हूं वह उनके लिये हलाल है. और उसी में है कि मैंने अपने बन्दों को बातिल से बेतअल्लुक पैदा किया, फिर उनके पास शैतान आए और उन्होंने दीन से बहकाया, और जो मैंने उनके लिये हलाल किया था, उसको हराम ठहराया.
     एक और हदीस में है, हज़रत इब्ने अब्बास रदियल्लाहो अन्हुमा ने फ़रमाया मैंने यह आयत सैयदे आलम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के सामने पढ़ी तो हज़रत सअद इब्ने अबी वक़्क़ास ने खड़े होकर अर्ज़ की, या रसूल्लल्लाह दुआ फ़रमाईये कि अल्लाह तआला मुझे मुस्तजाबुद दावत (यानी वह आदमी जिसकी हर दुआ अल्लाह क़ुबूल फ़रमाए) कर दे. हुज़ूर ने फ़रमाया ऐ सअद, अपनी ख़ुराक पाक करो, मुस्तजाबुद दावत हो जाओगे. उस ज़ाते पाक की क़सम जिसके दस्ते क़ुदरत में मुहम्मद की जान है, जो आदमी अपने पेट में हराम का लुक़मा डालता है, तो चालीस रोज़ तक क़ुबूलियत से मेहरूमी रहती है.
*तफ़सीरे इब्ने कसीर*
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