Pages

Tuesday 31 January 2017

*नमाज़ के मकरुहाते तन्ज़िहा* #03
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

जलती आग के सामने नमाज़ पढ़ना, शमा या चराग सामने हो तो हर्ज़ नहीं।
*✍🏽आलमगिरी, 1/108*

ऐसी चीज़ के सामने नमाज़ पढ़ना जिससे ध्यान बटे मसलन ज़ीनत और लहवो लअब वग़ैरा।
*✍🏽रद्दलमोहतर, 1/439*

नमाज़ के लिए दौड़ना।
कूड़ा डालने की जगह।
मज़्बह यानी जहा जानवर जबह किये जाते हो वहा।
इस्तबल यानी घोड़े बंधने की जगह।
गुस्ल खाना, मवेशी खाना खुसुसन जहां ऊंट बांधे जाते हो।
इस्तिन्जा खाने की छत।
सहरा में बिला सुतरा के जब कि आगे से लोगो के गुज़रने का इम्कान हो इन जगहों पर नमाज़ पढ़ना।
*✍🏽गुन्यातुल मुस्तमली 339*

बिगैर उज़्र हाथ से माखी मच्छर उड़ाना (नमाज़ में जू या मच्छर इज़ा देते हो तो पकड़ कर मार डालने में कोई हरज नही जब की अमले कसीर से न हो)
*✍🏽बहारे शरीअत*

हर वो अमले कलिल जो नमाज़ी के लिये मुफीद हो, जाइज़ है और जो मुफीद न हो वो मकरूह
*✍🏽आलमगिरी, 1/109*

उल्टा कपड़ा पहनना या ओढ़ना।
*✍🏽फतावा रज़विय्या, 7/358*
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, स.199*
*___________________________________*
मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment