Pages

Monday 9 January 2017

*जायज़-नाजायज़ की कसौटी और 11वी शरीफ*​ #0
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
*​​या गौषे आज़म ! खुदा के लिये कुछ अता हो​​* #02
     *सवाल :* यहाँ मुंकिरिन का सवाल ये है की खुदा के लिए मेरी मदद कीजिये ! ऐसा बोलने वाला जिससे मुखातिब है वो सुन भी रहा है और मदद करने की क़ुदरत भी रखता है। ये जिसे पुकार रहा है वो न सुन रहा है और न उनके अंदर मदद करने की ताकत है।
     *जवाब :* मुंकिरिन की ये बाते जहालत या जान कर अनजान बन्ने की वजह से है। वरना सच ये है की मुखातिब जिसे पुकार रहा है और मदद करने की ताकत भी रखता है। वो औलिया अल्लाह को मआज़ल्लाह मुर्दा समजते है, इस लिए उनको गलत फेमी हो गई है की मुर्दा कैसे सुन सकता है ? और मदद करने की ताकत कैसे पैदा हो सकती है ?
     उन जाहीलो को कोई कहे की मुर्दा भी सुनता है, बहुत सी हदिशो से ये साबित है, चुनांचे हज़रत अबू हुरैराرضي الله تعالي عنه ने बयान किया की, हुज़ूरﷺ ने इरशाद फ़रमाया : जब आदमी किसी ऐसे आदमी की क़ब्र पर जाता हैं जिसे वो दुन्या में जानता था वो उसे सलाम करता है तो मुर्दा सलाम का जवाब भी देता है और उसे पहचानता भी है। और जिसे जानता नही था वो भी क़ब्र से सलाम का जवाब देता है।
*✍🏽बेहक़ी शरीफ*
*✍🏽इब्ने असाकर*
     हज़रत बराअرضي الله تعالي عنه से रिवायत है की हुज़ूरﷺ ने इरशाद फ़रमाया : जब मय्यत को दफ़्न करके लोग वापस होते है तो मुर्दा उनके जूतो की आवाज़ सुनता है।
*✍🏽इमाम अहमद*
*✍🏽अबू दाऊद*
*✍🏽मुस्लिम शरीफ*
     इन हदिशो से ये बात अच्छी तरह साबित हो गई की आम मुसलमान अपनी क़ब्रो में ज़िन्दा है, सुनते है, पहचानते है, और सलाम का जवाब भी देते है।
     इसी के साथ ये भी सुन लीजिये की मोमिन की रूह *आलमे बाला* (जन्नत में उचे हिस्से) में रहती है और सलाम करने वाला जब उसकी क़ब्र पर सलाम करता है वो वही से उसका जवाब देती है। जैसा की नसाई शरीफ की शरह जहराबि में है की, रूह की एक शान ये भी है की आलमे बाला में रहते हुए भी बदन से उसका तअल्लुक़ क़ाइम रहता है और वही से वो सलाम की आवाज़ सुनती है और जवाब देती है।
     जब आम मुसलमान मुर्दो की रूहो की सुनने की ताक़त का ये आलम है की वो आलमे बाला से जो लाखो मिल दूर है सलाम की आवाज़ सुन लेती है, तो औलिया अल्लाह की मुक़द्दस रूहो के सुनने की ताक़त का अंदाज़ा कौन लगा सकता है ?

औलिया अल्लाह की तफसिलि मालूमात अगली पोस्ट में.. ان شاء الله
*✍🏽जायज़-नाजायज़ की कसौटी और 11वी शरीफ, 22*
___________________________________
📮Posted by:-
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment