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Thursday 19 January 2017

*नमाज़ तोड़ने वाली बाते* #03
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_अमले कसीर की तारीफ़_*
     अमले कसीर नमाज़ को फासिद् कर देता है जब कि न नमाज़ के आमाल से हो न ही इस्लाहे नमाज़ के लिए किया गया हो.
     जिस काम के करने वाले को दूर से देखने से ऐसा लगे कि ये नमाज़ में नही है बल्कि अगर गुमान भी ग़ालिब हो कि नमाज़ में नही तब भी अमले कसीर है.
     और अगर दूर से देखने वाले को शको शुबा है कि नमाज़ में है या नहीं तो अमले क़लिल है और नमाज़ फासिद् न होगी.
*✍🏽दुर्रे मुख्तार मअ रद्दल मोहतार, 2/464*

*_दौराने नमाज़ लिबास पहनना_*
     दौराने नमाज़ कुरता या पाजामा पहनना या तहबंद बांधना.
*✍🏽रद्दल मोहतार, 2/465*
     दौराने नमाज़ सीत्र खुल जाना और इसी हालत में कोई रुक्न अदा करना या तीन बार सुब्हान अल्लाह कहने की मिक़दार वक़्फ़ा गुज़र जाना.
*✍🏽दुर्रे मुख्तार मअ रद्दल मोहतार, 2/467*
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, 186,187*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाये यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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