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Friday 6 January 2017

*नमाज़ की सुन्नते* #03
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_रूकू की सुन्नते_*
     रूकू के लिये "अल्लाहु अक्बर" कहना।
   
     रूकू में 3 बार "सुब्हान रब्बियल अज़ीम" कहना

     *मर्द :* घुटनो को हाथ से पकड़ना और उंगलिया खूब खुली रखना, टांगे सीधी रखना (बाज़ लोग कमान की तरह टेढ़ी कर लेते है ये मकरूह है)
     रूकू में पीठ अच्छी तरह बिछी हो हत्ता की अगर पानी का प्याला पीठ पर रख दिया जाए तो ठहर जाए
     सर उचा निचा न हो पीठ की सीध में हो। सरकारे मदीनाﷺ फरमाते है " उसकी नमाज़ नाकाफी है जो रूकू व सुजूद में पीठ सीधी नही करता।
     हुज़ूर ﷺ फरमाते है की रूकू व सुजूद को पूरा करो खुदा की क़सम में तुम्हे अपने पीछे से देखता हु।

     *औरत :* घुटनो पर हाथ रखना और उंगलिया कुशादा न करना
     रूकू में थोडा झुके यानि सिर्फ इतना की हाथ घुटनो तक पहुच जाए पीठ सीधी न करे और घुटनो पर ज़ोर न दे फक्त हाथ रख दे और हाथो की उनगलिया मिली हुई रखे और पाउ झुके हुए रखे इस्लामी भाइयो की तरह सीधे न कर दे।

     बेहतर ये है की "अल्लाहु अक्बर" कहता हुआ रूकू को जाए यानि जब रूकू के लिए झुकना शुरू करे और खत्मे रूकू पर तकबीर खत्म करे।
     इस मसाफत को पूरा करने के लिये अल्लाह की लाम को बढ़ाए अक्बर की बा वग़ैरा किसी हर्फ़ को न बढ़ाए।

*✍🏽नमाज़ के अहकाम, 175*
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