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Wednesday 11 January 2017

*जायज़-नाजायज़ की कसौटी और 11वी शरीफ* #20
*​بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ​*
*​اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ​*

*​या गौषे आज़म ! खुदा के लिये कुछ अता हो* #04
*_विलायत का ओहदा गौषे पाक की बारगाह से बटता है_*
     जब अल्लाह अपने बन्दों में से किसी को वली बनाना चाहता हैतो हुक्म फ़रमाता है : इसे मुहम्मदﷺ की बारगाह में पेश करो !
     जब उसे हुज़ूरﷺ की बारगाह में पेश किया जाता है तो हुज़ूरﷺ इरशाद फरमाते है की : इसे मेरे बेटे अब्दुल क़ादिरرضي الله تعالي عنه के पास ले जाओ ! ताकि वो उसकी लिकायत देखे और ये भी की ये उस मर्तबे के क़बिल है भी या नही।
     हुज़ूरﷺ के इरशाद के मुताबिक उसे सरकार गौषे आज़मرضي الله تعالي عنه की बारगाह में पेश कर दिया जाता है। आप उसको वलायत के ओहदा के लायक देखते है तो उसका नाम दफ्तरे औलिया अल्लाह में लिख कर मोहर लगा देते है।
     फिर उसे हुज़ूरﷺ की बारगाह में पश किया जाता है। फिर गौषे पाकرضي الله تعالي عنه की तहरीर के मुताबिक़ महबूबे परवरदिगारﷺ का हुक्म लिखा जाता है, उसको वलायत के मर्तबे और इनआम से आगाह किया जाता है जो हुज़ूर गौषे पाकرضي الله تعالي عنه के मुक़द्दस हाथो से इनायत की जाती है और वो शख्स उस खिलअत को पहन लेता है और आलम ग़ैब व शहादत में मक़बूल व महबूब हो जाता है।
     इस ओहदे पर हुज़ूर गौषे पाकرضي الله تعالي عنه क़यामत तक फ़ाइज़ रहेंगे। और इस मक़ाम में कोई वली आपके बराबर नही है। हर जमाने और जगह में क़ुतुब, गौष और औलिया अल्लाह आपके बरकत के खज़ाने से फैज़ पाते रहेंगे।
     "तहरिहुल खातिर" की इस इबारत से पता चला की हुज़ूर सरकार गौषे पाकرضي الله تعالي عنه खुदा के दिए से रसूले पाकﷺ के सदके व तुफैल से ज़िन्दा भी है और अता भी फरमाते है और क़यामत तक आप का फैज़ ज़ारी रहेगा।

बाक़ी अगली पोस्ट में.. ان شاء الله
*✍🏽जायज़-नाजायज़ की कसौटी और 11वी शरीफ, 23*
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