Pages

Friday 13 January 2017

*नमाज़ की सुन्नते* #08
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_सलाम फेरने की सुन्नते_*
     इन अलफ़ाज़ के साथ दो बार सलाम फेरना "अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह"
     पहले सीधी तरफ फिर उलटी तरफ मुह फेरना
     इमाम के लिये दोनों सलाम बुलंद आवाज़ से कहना सुन्नत है मगर दूसरा पहले से कम आवाज़ में कहे।
     हर तरफ के सलाम में उस तरफ वाले मुक्तदियो और उन उलमा की निय्यत करे नीज़ जिस तरफ इमाम हो उस तरफ के सलाम में इमाम की भी निय्यत करे और अगर इमाम उस के ठीक सामने की सीध में हो तो दोनों सलामो में इमाम की भी निय्यत करे
     अकेले नमाज़ पढ़ने वाला किरामन कातिबिन् और उन मलाएका की निय्यत करे जिन को अल्लाह ने हिफाज़त के लिये मुक़र्रर किया है और निय्यत में कोई अदद मुअय्यन न करे।
     मुक्तदि का तमाम इन्तिक़ालात यानि रूकू सुजूद वग़ैरा इमाम के साथ होना।

*_सलाम फेरने के बाद की सुन्नते_*
     सलाम के बाद इमाम के लिए सुन्नत ये है की दाई या बाई तरफ रुख कर ले, दाई तरफ अफज़ल है
     और मुक्तदियो की तरफ रुख कर के भी बैठ सकता है जब की आखिरी सफ तक भी कोई इस के सामने [यानि इस के चेहरे की सीध में] नमाज़ न पढ़ता हो.
     अकेले नमाज़ पढ़ने वाला बैगेर रुख बदले अगर वही दुआ मांगे तो जाइज़ है.
*✍🏽आलमगिरी, 1/77*
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, 179*
___________________________________
📮Posted by:-
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 955 802 9197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment