Pages

Wednesday 10 May 2017

*फ़ज़ाइले रमज़ान शरीफ* #01
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     खुदा का करोड़ हा एहसान कि उसने हमे माहे रमज़ान जेसी अज़ीमुश्शान नेअमत से सरफ़राज़ फ़रमाया। माहे रमज़ान के फैजान के क्या कहने ! इस की हर घड़ी रहमत भरी है। इस महीने में अज़्रो षवाब बहुत ही बढ़ जाता है। नफ्ल का षवाब फ़र्ज़ के बराबर और फ़र्ज़ का षवाब 70 गुना कर दिया जाता है। बल्कि इस माह में तो रोज़ादार का सोना भी इबादत में शुमार किया जाता है। अर्श उठाने वाले फ़रिश्ते रोज़ादरो की दुआ पर आमीन कहते है और एक हदिष के मुताबिक़ "रमज़ान के रोज़ादार के लिये दरया की मछलिया इफ्तार तक दुआए मगफिरत करती रहती है।
*✍🏽अत्तरगिब् वत्तरहिब, 2/55, हदिष:6*

*इबादत का दरवाज़ा*
     रोज़ा बातिनी इबादत है, क्यू की हमारे बताए बगैर किसी को ये इल्म नही हो सकता है की हमारा रोज़ा है और अल्लाह बातिनी इबादत को ज़्यादा पसन्द फ़रमाता है। एक हदिष के मुताबिक़ "रोज़ा इबादत का दरवाज़ा है।"
*✍🏽अल जमीउस्सागिर, 146, हदिष:2415*

*नुज़ूले क़ुरआन*
     इस माह की एक खुसुसिय्यत ये भी है की अल्लाह ने इस में क़ुरआन नाज़िल फ़रमाया है। चुनान्चे मुक़द्दस क़ुरआन में अल्लाह का नुज़ूले क़ुरआन और माहे रमज़ान के बारे में फरमान है :
रमज़ान का महीना, जिस में क़ुरआन उतरा, लोगो के लिये हिदायत और रहनुमाई और फैसले की रोशन बाते, तो तुम में जो कोई ये महीना पाए ज़रूर इसके रोज़े रखे और जो बीमार या सफर में हो, तो उतने रोज़े और दिनों में। अल्लाह तुम पर आसानी चाहता है और तुम पर दुश्वारी नही चाहता और इसलिये की तुम गिनती पूरी करो और अल्लाह की बड़ाई बोलो इस पर की उस ने तुम्हे हिदायत की और कही तुम हक़ गुज़ार हो।
*परह 2, अल बक़रह:185*
*✍🏽फैजाने रमज़ान शरीफ, 3*

*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
*___________________________________*
मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment