Pages

Wednesday 31 May 2017

*बरकाते ज़कात* #09
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_ज़कात देने के फवाइद_* #02

*_रहमते इलाही की बरसात_*
     ज़कात देने वाले को दूसरी सआदत ये मिलती है कि उस पर रहमते इलाही की छमा छम बारिश होती है। चुनान्चे पारह 9 सूरतुल आराफ़ आयत 156 में है :
_और मेरी रहमत हर चीज़ को घेरे है तो अन क़रीब में नेमतों को उन के लिये लिख दूंगा जो डरते और ज़कात देते है।_

*_तक़वा व परहेज़गारी का हुसूल_*
    ज़कात देने का तीसरा फ़ायदा ये है कि इस से तक़वा हासिल होता है। चुनान्चे पारह 1 सूरतुल बक़रह आयत 3 में मुत्तक़ीन की अलामत में से एक अलामत ये भी बयान की गई है :
_और हमारी दी हुई रोज़ी में से हमारी राह में उठाए।_

बाक़ी कल की पोस्ट में.. ان شاء الله
*✍🏼बरकाते ज़कात, स.9*

*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
*___________________________________*
मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 9723 654 786
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment