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Monday 22 May 2017

*एक गुस्ल में मुख्तलिफ निय्यते*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     जिस पर चन्द गुस्ल हो सब की निय्यत से एक गुस्ल कर लिया, सब अदा हो गए सब का षवाब मिलेगा।

     जुनुब ने जुमुआ या ईद के दिन ग़ुस्ले जनाबत किया और जुमुआ और ईद वग़ैरा की निय्यत भी कर ली सब अदा हो गए,

     अगर उसी गुस्ल से जुमुआ और ईद की नमाज़ अदा करले।
*✍🏼माखुज़ अज़ बहारे शरीअत, जी.1, स.325*
*✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 94*

*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
*___________________________________*
मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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