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Saturday 13 May 2017

*मौजिज़ए शककुल कमर*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     बुखारी शरीफ में है : क़ुफ़्फ़ारे मक्का ने सरकारे मदीना ﷺ की खिदमते बा बरकत में मोजिज़ा दिखने का मुतालबा किया तो आप ने उन्हें चाँद के दो टुकड़े कर के दिखा दिये।
*✍🏽बुखारी, जी.2, स.579, हदिष:3868*

    अल्लाह तआला पारह 27 सूरतुल कमर की पहली दो आयत में इर्शाद फ़रमाता है :
पास आई क़ियामत और शक हो गया चाँद और अगर देखे कोई निशानी तो मुह फ़ेरते और कहते है ये तो जादू है चला आता।

     हज़रते मुफ़्ती अहमद यार खा अलैरहमा इस हिस्सए आयत "और शक हो गया चाँद" के तहत फ़रमाते है : इस आयत में हुज़ूर ﷺ के एक बड़े मौजिज़ए शक्कूल कमर यानि चाँद के दो टुकड़े हो जाने का ज़िक्र है।
हवाला
*✍🏽नूरुल इरफ़ान, सफा 843*
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, सफा 77*

*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
*___________________________________*
मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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