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Wednesday 17 May 2017

*फ़ज़ाइले रमज़ान शरीफ* #16
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*तिन के अंदर तिन पोशीदा*
     मीठे और प्यारे इस्लामी भाइयो ! कोई नेकी छोड़नी नही चाहिए न जाने अल्लाह को कौन सी नेकी पसन्द आ जाए और कोई छोटे से छोटा गुनाह भी नही करना चाहिए नजाने किस गुनाह पर अल्लाह नाराज़ हो जाए और उस का दर्दनाक अज़ाब आ कर घेर ले। खलीफए आला हज़रत, अबू युसूफ मुहम्मद शरीफ मुहद्दिस कोटल्वी عليه رحما नकल फ़रमाते है : अल्लाह ने तीन चीज़ों को तीन चीज़ों में पोशीदा रखा है (1) अपनी रिज़ा को अपनी इताअत में (2) अपनी नाराज़गी को अपनी फ़रमानी में और (3) अपने औलिया को अपने बन्दों में। ये क़ौल नकल करने के बाद फ़रमाते है : लिहाज़ा हर ताअत और हर नेकी को अमल में लाना चाहिये की मालुम नहीं किस नेकी पर वो राज़ी हो जाए और हर बदी से बचना चहिए क्यू की मालुम नही किस बदी पर वो नाराज़ हो जाए। ख्वाह वो केसी ही छोटी हो। मसलन बिला इजाज़त किसी के तिनके का खिलाल करना बी ज़ाहिर एक ममुलिसि बात है। मगर मुमकिन है की इस बुराई में ही हक़ तआला की नाराज़गी छुपी हुई हो। तो ऐसी छोटी छोटी बातो से भी बचना चाहिए।
*✍🏽अख्लाकुस्सालिहीन, 56*
*✍🏽फ़ज़ाइले रमज़ान, 42*

*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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