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Thursday 18 May 2017

*फ़ज़ाइले रमज़ान शरीफ* #18
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*शयातीन जंजीरो में जकड़ दिये जाते है*
     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم : जब रमज़ान आता है तो आसमान के दरवाज़े खोल दिये जाते है।
*✍🏽सहीहुल बुखारी, 1/626, हदिष:1899*
     और एक रीवायत में है की जन्नत के दरवाज़े खोल दिये जाते है और दोज़ख के दरवाज़े बन्द कर दिये जाते है शयातीन जंजीरो में जकड़ दिये जाते है। रहमत के दरवाज़े खोले जाते है।
*✍🏽सहीह मुस्लिम, 543, हदिष:1079*

*शैतान क़ैद में होने के बा वुजूद गुनाह क्यू होते है ?*
     हक़ ये है की माहे रमज़ान में आसमानों के दरवाज़े भी खुलते है जिन से अल्लाह की खास रहमते ज़मीन पर उतरती है और जन्नतो के दरवाज़े भी जिस की वजह से जन्नत वाले हूरो गिलमान को खबर हो जाती है की दुन्या में रमज़ान आ गया और वो रोज़ादारो के लिये दुआओ में मश्गुल हो जाते है। रमज़ान में वाक़ई दोज़ख के दरवाज़े ही बन्द हो जाते है जिस की वजह से इस महीने में गुनाहगारो बल्कि काफिरो की क़ब्रो पर भी दोज़ख की गर्मी नही पहुचती। वो जो मुसलमानो में मश्हूर है की रमज़ान में अज़ाबे क़ब्र नही होता इस का यही मतलब है और हक़ीक़त में इब्लीस को क़ैद कर दिया जाता है। _इस महीने में जो कोई भी गुनाह करता है वो अपने अफ़्से अम्मारा की शरारत से करता है न शैतान के बहकाने से।
*✍🏽मीरआतुल मनाजिह्, 3/133*
*✍🏽फ़ज़ाइले रमज़ान, 63*

*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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