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Saturday 27 May 2017

*बरकाते ज़कात* #05
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     बनी इसराइल ने कहा कि हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम ने क़ारून के मकान और उस के खज़ाइन व अमवाल की वजह से उस के लिये बद दुआ की। ये सुन कर आप ने दुआ की तो उस का मकान और उस के खज़ाने व अम्वाल् सब ज़मीन में धस गए।

     अल्लाह ने क़ुरआन में क़ारून के अंजाम को कुछ इस तरह बयान फ़रमाया है..चुनान्चे पारह 20 सूरतुल क़सस, आयत 81 में इरशाद होता है :
*तो हमने उसे और उस के घर को ज़मीन में धसा दिया तो उसके पास कोई जमाअत न थी कि अल्लाह से बचाने में उस की मदद करती और न वो बदला ले सका।*

     मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! देखा आपने कि दुन्यवि माल की महब्बत में ज़कात देने से इनकार करने और अल्लाह के रसूल से दुश्मनी मोल लेने वाले बद बख्त क़ारून का अंजाम केसा भयानक हुवा, न उसे माल काम आया न उस के खज़ाने, बल्कि वो अपने खज़ानों समेत ही अज़ाब की लपेट में आ गया।
     सूरतुल क़सस में बयान करदा इस वाकिए से जहां माले दुन्या से महब्बत का भयानक अंजाम पता चलता है, वही ज़कात की अहमिय्यत भी ब खूबी वाजेह हो रही है।
*✍🏼बरकाते ज़कात, स.6*

*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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