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Saturday 13 May 2017

*फ़ज़ाइले रमज़ान शरीफ* #07
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*माहे रमज़ान में मदनी फूल* #02
रमज़ान में नफ्ल का षवाब फ़र्ज़ के बराबर और फ़र्ज़ का षवाब 70 गुना मिलता है।

     बाज़ उलमा फ़रमाते है की जो रमज़ान में मर जाए उस से सुवालाते क़ब्र भी नही होते।

     इस महीने में शबे क़द्र है। गुज़श्ता आयत से मालुम हुवा की क़ुरआन रमज़ान में आया और दूसरी जगह फ़रमाया : बेशक़ हम ने शबे क़द्र में उतारा। (पारह 30, अल क़द्र:1)
     दोनों आयतो के मिलाने से मालुम हुवा की शबे क़द्र रमज़ान में ही है और वो गालिबन 27वी शब् है। क्यू की लैलतुल क़द्र में 9 हरुफ़ है और ये लफ्ज़ सूरए क़द्र में 3 बार आया। जिस से 27 हासिल हुए मालुम हुवा की वो 27वी शब् है।
*✍🏽तफ़सीरे नईमी, 2/208*
*✍🏽फ़ज़ाइले रमज़ान, 17*

*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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