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Friday 26 May 2017

*बरकतें ज़कात* #04
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_क़ारून की हलाकत_* #04
     अल्लाह की वही आने के बाद हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम ने बनी इसराइल से फ़रमाया : ऐ बनी इसराइल अल्लाह ने मुझे क़ारून की तरफ भेजा है जेसे फिरऔन की तरफ भेजा था, जो क़ारून का साथी हो, उसके साथ उसकी जगह ठहरा रहे और जो मेरा साथी हो वो अलग हो जाए।

     सब लोग क़ारून से जुदा हो गए और दो अफ़राद के सिवा कोई उसके साथ न रहा। तब हज़रते मूसा ने ज़मीन को हुक्म दिया : ऐ ज़मीन इन्हें पकड़ ले ! तो वो घुटनो तक ज़मीन में धस गए। आप ने दोबारा येही फ़रमाया तो कमर तक धस गए, आप येही फरमाते रहे हत्ता कि वो लोग गर्दन तक धस गए, अब वो गिड़ गिडाने लगे और क़ारून आप को अल्लाह की कस्मे और रिश्ता व क़राबत के वास्ते देने लगा, आप ने शिद्दत जलाल के सबब तवज्जोह न फ़रमाई, यहां तक कि वो बिलकुल धस गए और ज़मीन बराबर हो गई।

     हज़रते क़तादा رضي الله تعالي عنه ने फ़रमाया कि वो क़यामत तक ज़मीन में धंसते ही चले जाएंगे।

बाक़ी कल की पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼बरकाते ज़कात, स. 5*

*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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